रुक्मणि माँ के साथ सही वक़्त पर हॉल में दाखिल हुई रुक्मणि माँ के साथ सही वक़्त पर हॉल में दाखिल हुई
कभी बीमार न पड़ने वाली नीमा ने खटिया पकड़ी कभी बीमार न पड़ने वाली नीमा ने खटिया पकड़ी
एक बार फिर अष्टभुजा ने अपना रूप धारण किया एक बार फिर अष्टभुजा ने अपना रूप धारण किया
नीता की सास रूढ़िवादी थी जबकि नीता आधुनिक जीवन शैली के साथ उदार थी। नीता की सास रूढ़िवादी थी जबकि नीता आधुनिक जीवन शैली के साथ उदार थी।
जब बेटे बहू को समाचार दिए गए तो उनके पांव के नीचे से जमीन खिसक गई । जब बेटे बहू को समाचार दिए गए तो उनके पांव के नीचे से जमीन खिसक गई ।
"आजकल की लड़कियाँ भी न ..अरे हम तुम्हारी उम्र के थे तब हवा की तरह उड़ते फिरते थे। मजाल तो थी किसी को श... "आजकल की लड़कियाँ भी न ..अरे हम तुम्हारी उम्र के थे तब हवा की तरह उड़ते फिरते थे। ...